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बिहार बोर्ड - इलेक्ट्रोकैमिस्ट्री नोट्स | हिंदी माध्यम

बिहार बोर्ड - इलेक्ट्रोकैमिस्ट्री

कक्षा 12 रसायन विज्ञान - विस्तृत हिंदी नोट्स
विषय: रसायन विज्ञान
अद्यतन: जुलाई 2025
अध्याय: इलेक्ट्रोकैमिस्ट्री
बोर्ड: बिहार विद्यालय परीक्षा समिति

1. मूल परिभाषाएँ एवं अवधारणाएँ

विद्युत अपघट्य (Electrolyte): वे पदार्थ जो जलीय विलयन या गलित अवस्था में विद्युत का चालन करते हैं (जैसे: NaCl, HCl, H₂SO₄)। इनका आयनन होता है जिससे मुक्त आयन उत्पन्न होते हैं जो विद्युत का चालन करते हैं।

अविद्युत अपघट्य (Non-Electrolyte): वे पदार्थ जो विलयन में विद्युत का चालन नहीं करते (जैसे: यूरिया, ग्लूकोज, एथेनॉल)। इनका आयनन नहीं होता है।

वैद्युत अपघटनी सेल (Electrolytic Cell): वह विद्युत रासायनिक सेल जहाँ विद्युत ऊर्जा की सहायता से रासायनिक अभिक्रिया होती है। इस सेल में ऊर्जा का रूपांतरण विद्युत ऊर्जा से रासायनिक ऊर्जा में होता है।

गैल्वेनिक सेल (Galvanic Cell): वह विद्युत रासायनिक सेल जहाँ रासायनिक अभिक्रिया से विद्युत ऊर्जा उत्पन्न होती है। इस सेल में ऊर्जा का रूपांतरण रासायनिक ऊर्जा से विद्युत ऊर्जा में होता है।

सेल के घटक

  • ऐनोड (Anode): जहाँ ऑक्सीकरण होता है (इलेक्ट्रॉनों का त्याग)
  • कैथोड (Cathode): जहाँ अपचयन होता है (इलेक्ट्रॉनों का ग्रहण)
  • लवण सेतु (Salt Bridge): आयनों के प्रवाह के लिए मार्ग प्रदान करता है
  • बाह्य परिपथ (External Circuit): इलेक्ट्रॉनों के प्रवाह का मार्ग

2. वैद्युत अपघटनी सेल (Electrolytic Cell)

कार्य सिद्धांत: जब किसी विद्युत अपघट्य के विलयन में दो इलेक्ट्रोड डुबोकर उन्हें बैटरी से जोड़ा जाता है, तो बैटरी का धनात्मक सिरा ऐनोड से और ऋणात्मक सिरा कैथोड से जुड़ता है। ऐनोड पर ऑक्सीकरण और कैथोड पर अपचयन होता है।

फैराडे के विद्युत अपघटन नियम

प्रथम नियम: अपघट्य पर जमा हुए पदार्थ की मात्रा (m) प्रवाहित आवेश (Q) के समानुपाती होती है।

m ∝ Q या m = Z × I × t

जहाँ:
Z = विद्युत रासायनिक तुल्यांक (g/C)
I = धारा (एम्पियर)
t = समय (सेकंड)
Q = I × t (कूलॉम)

द्वितीय नियम: समान आवेश से विभिन्न अपघट्यों पर जमा पदार्थों की मात्रा उनके रासायनिक तुल्यांकों (E) के समानुपाती होती है।

m₁/E₁ = m₂/E₂ = स्थिरांक

जहाँ E = तुल्यांक भार = आणविक द्रव्यमान / संयोजकता

उदाहरण: कॉपर सल्फेट का विद्युत अपघटन

जब कॉपर सल्फेट (CuSO₄) के विलयन का विद्युत अपघटन किया जाता है:

कैथोड पर: Cu²⁺ + 2e⁻ → Cu (कॉपर जमा होता है)

ऐनोड पर: 2H₂O → O₂ + 4H⁺ + 4e⁻ (ऑक्सीजन गैस मुक्त होती है)

3. गैल्वेनिक सेल (Galvanic Cell)

उदाहरण: डैनियल सेल (Zn | Zn²⁺ || Cu²⁺ | Cu)

कार्य सिद्धांत:

  • ऐनोड (Anode): जिंक इलेक्ट्रोड पर ऑक्सीकरण होता है: Zn → Zn²⁺ + 2e⁻
  • कैथोड (Cathode): कॉपर इलेक्ट्रोड पर अपचयन होता है: Cu²⁺ + 2e⁻ → Cu
  • सेल अभिक्रिया: Zn + Cu²⁺ → Zn²⁺ + Cu
  • सेल विभव (Cell Potential): ईएमएफ (EMF) = Eकैथोड - Eऐनोड

गैल्वेनिक सेल

जिंक और कॉपर इलेक्ट्रोड वाला डैनियल सेल का चित्रण

विद्युत अपघटनी सेल

कॉपर सल्फेट के विद्युत अपघटन का चित्रण

लवण सेतु का महत्व

  • परिपथ को पूरा करने में सहायक
  • आयनों का स्थानांतरण
  • विद्युत उदासीनता बनाए रखना
  • अभिक्रिया को जारी रखने में सहायक

4. मानक इलेक्ट्रोड विभव

परिभाषा: मानक परिस्थितियों (25°C, 1M विलयन, 1 atm दाब) में किसी इलेक्ट्रोड का विभव जब वह मानक हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड (SHE) से जुड़ा हो।

महत्व:

  • धातुओं की अपचायक क्षमता का मापन
  • सेल अभिक्रिया की स्वतःप्रवर्तिता (Spontaneity): यदि Eoसेल > 0, तो अभिक्रिया स्वतः होगी
  • धातुओं की विद्युत रासायनिक श्रेणी का निर्धारण
Eoसेल = Eoकैथोड - Eoऐनोड

विद्युत रासायनिक श्रेणी

विद्युत रासायनिक श्रेणी का ग्राफ
(घटते अपचायक गुण के क्रम में धातुएँ)

5. नर्नस्ट समीकरण (Nernst Equation)

यह समीकरण विभिन्न सांद्रताओं पर इलेक्ट्रोड विभव की गणना करने में सहायक है।

E = Eo - (RT/nF) ln Q

25°C पर:

E = Eo - (0.059/n) log Q

जहाँ:
Q = अभिक्रिया भागफल (Reaction Quotient)
n = स्थानांतरित इलेक्ट्रॉनों की संख्या
R = गैस स्थिरांक (8.314 J/mol·K)
T = तापमान केल्विन में
F = फैराडे स्थिरांक (96485 C/mol)

उदाहरण: जिंक-कॉपर सेल के लिए नर्नस्ट समीकरण

Zn + Cu²⁺ → Zn²⁺ + Cu

Q = [Zn²⁺]/[Cu²⁺]

E = Eo - (0.059/2) log([Zn²⁺]/[Cu²⁺])

6. चालकता (Conductivity)

विशिष्ट चालकता (Specific Conductivity - κ): 1 सेमी दूरी वाले 1 सेमी² क्षेत्रफल के इलेक्ट्रोड वाले विलयन का चालकत्व। इकाई: सीमेन्स प्रति सेमी (S cm⁻¹)

मोलर चालकता (Molar Conductivity - Λm):

Λm = (κ × 1000) / M

जहाँ M = मोलर सांद्रता (mol L⁻¹)। इकाई: S cm² mol⁻¹

मोलर चालकता बनाम सांद्रता का ग्राफ

प्रबल विद्युतअपघट्य: धीरे-धीरे वृद्धि
दुर्बल विद्युतअपघट्य: तीव्र वृद्धि

कोलराउश का नियम

अनंत तनुता पर मोलर चालकता: Λom = λo+ + λo-

जहाँ λo+ और λo- क्रमशः धनायन और ऋणायन की सीमांत मोलर चालकताएँ हैं।

7. विद्युतअपघट्यों के प्रकार

गुण प्रबल विद्युतअपघट्य दुर्बल विद्युतअपघट्य
परिभाषा विलयन में पूर्णतः आयनित हो जाते हैं विलयन में आंशिक रूप से आयनित होते हैं
आयनन की मात्रा लगभग 100% 1-10%
चालकता उच्च निम्न
उदाहरण NaCl, HCl, H₂SO₄, NaOH CH₃COOH, NH₄OH, H₂CO₃
तनुकरण पर मोलर चालकता धीरे-धीरे बढ़ती है तेजी से बढ़ती है

8. वैद्युतअपघटनी सेल के अनुप्रयोग

  • धातु निष्कर्षण: जैसे एल्युमिनियम (बॉक्साइट से), सोडियम (गलित NaCl से), मैग्नीशियम
  • विद्युतलेपन (Electroplating): सजावट या संक्षारण रोकथाम के लिए धातु की परत चढ़ाना (जैसे: सोना/क्रोमियम लेपन)
  • शुद्धिकरण: जैसे ताँबे (Cu) का विद्युतअपघटनी शुद्धिकरण
  • विद्युत अपघटनी अपचयन: जैसे ऐल्कीनों का ऐल्केन में रूपांतरण
  • अनोडीकरण: जैसे एल्युमिनियम पर मोटी ऑक्साइड परत बनाना

9. गैल्वेनिक सेल के अनुप्रयोग

प्राथमिक बैटरी

एक बार उपयोग के बाद फेंक दी जाती है

उदाहरण: जिंक-कार्बन सेल, ऐल्केलाइन सेल

अभिक्रिया:
Zn + 2MnO₂ → ZnO + Mn₂O₃

द्वितीयक बैटरी

रिचार्ज की जा सकती है, बार-बार उपयोग

उदाहरण: लेड-एसिड, लिथियम-आयन

अभिक्रिया (लेड-एसिड):
Pb + PbO₂ + 2H₂SO₄ ⇌ 2PbSO₄ + 2H₂O

ईंधन सेल

निरंतर ईंधन आपूर्ति पर कार्य करता है

उदाहरण: हाइड्रोजन-ऑक्सीजन सेल

अभिक्रिया:
2H₂ + O₂ → 2H₂O

10. संक्षारण (Corrosion)

परिभाषा: वातावरणीय कारकों (O₂, H₂O, CO₂) के कारण धातुओं का धीरे-धीरे नष्ट होना।

लोहे में जंग लगने की प्रक्रिया

ऐनोड: Fe → Fe²⁺ + 2e⁻
कैथोड: O₂ + 2H₂O + 4e⁻ → 4OH⁻
अंतिम: 2Fe + O₂ + 2H₂O → 2Fe(OH)₂ → Fe₂O₃·xH₂O (जंग)

संक्षारण रोकने के उपाय

  • पेंटिंग या ग्रीसिंग: धातु सतह को वायु और नमी से अलग करना
  • बलुआ लोहा (Galvanization): लोहे पर जस्ते की परत चढ़ाना
  • विद्युतरोधी लेप (Anodization): एल्युमिनियम पर ऑक्साइड परत बनाना
  • बलिदानी एनोड (Sacrificial Anode): जिंक या मैग्नीशियम के ब्लॉक लगाना
  • मिश्रधातु बनाना: स्टेनलेस स्टील (लोहा + क्रोमियम + निकल)

महत्वपूर्ण बिंदु एवं परीक्षा युक्तियाँ

  • फैराडे के नियम संख्यात्मक प्रश्नों के लिए आधार हैं - सूत्र m = ZIt और समतुल्य भार की अवधारणा को समझें
  • मानक इलेक्ट्रोड विभव का उपयोग सेल EMF व अभिक्रिया की स्वतःप्रवर्तिता ज्ञात करने में होता है - E° सेल > 0 का अर्थ स्वतः अभिक्रिया
  • नर्नस्ट समीकरण विभिन्न सांद्रताओं पर EMF ज्ञात करने में सहायक है - log Q का ध्यानपूर्वक गणना करें
  • मोलर चालकता vs सांद्रता ग्राफ से विद्युतअपघट्य की प्रकृति (प्रबल/दुर्बल) पता चलती है
  • बैटरियों व ईंधन सेलों के कार्य सिद्धांत पर प्रश्न पूछे जाते हैं - रासायनिक अभिक्रियाएँ याद रखें
  • संक्षारण एक विद्युतरासायनिक प्रक्रिया है - ऐनोडिक और कैथोडिक अभिक्रियाएँ समझें
  • इलेक्ट्रोड पहचान: गैल्वेनिक सेल में एनोड ऋणात्मक और कैथोड धनात्मक होता है, जबकि विद्युत अपघटनी सेल में इसका उल्टा होता है

प्रयोगात्मक टिप्स एवं सामान्य त्रुटियाँ

  • विद्युतअपघटन प्रयोग में कैथोड पर हमेशा कम विभव वाले आयन जमा होते हैं - विद्युत रासायनिक श्रेणी याद रखें
  • गैल्वेनिक सेल में एनोड वह इलेक्ट्रोड होता है जहाँ से इलेक्ट्रॉन बाहर निकलते हैं और ऑक्सीकरण होता है
  • लवण सेतु के बिना सेल कार्य नहीं कर सकता - आयनिक संतुलन के लिए आवश्यक
  • संक्षारण रोकने के लिए बलिदानी एनोड (Sacrificial Anode) का उपयोग किया जाता है - जस्ता या मैग्नीशियम के टुकड़े
  • मोलर चालकता की गणना में सांद्रता की इकाई mol L⁻¹ और आयतन mL में लेने की सामान्य त्रुटि से बचें
  • नर्नस्ट समीकरण में n (इलेक्ट्रॉनों की संख्या) का मान सही निर्धारित करें

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति - कक्षा 12 रसायन विज्ञान

इलेक्ट्रोकैमिस्ट्री अध्याय के विस्तृत नोट्स | हिंदी माध्यम | जुलाई 2025

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